दीदी की मदमस्त जवानी का मजा - Antarvasna Story

सेक्स क्रेजी बॉय चुदाई कहानी में एक लड़के को पोर्न देखने की आदत हो गयी. वह अपनी बहन के साथ सेक्स की चाह रखने लगा. उसने अपनी बहन की सील कैसे तोड़ी?

ये कहानी मेरी बड़ी बहन और मुझे में हुई सेक्स की कहानी है.

वो दिन मैं आज भी नहीं भूल सकता जिस दिन मैंने अपनी बहन के साथ कुछ हसीन पल बिताए थे.

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राहुल है.
मैं महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में रहता हूं.


हमारे घर में मैं, मेरी बड़ी बहन, मम्मी, पापा और दादी रहते हैं.

मेरे बड़ी बहन का नाम साक्षी है.
वो मुझसे दो साल से बड़ी है.

हमारे घर में तीन ही कमरे थे.
एक में मम्मी पापा, एक में दादी और एक में मैं और दीदी सोते थे.

हम शुरू से एक ही कमरे में सोते आ रहे हैं.

इसीलिए बचपन में हम में झगड़ा भी होता था.
पर बाद में हम रात में साथ में ही सोते थे.

पर बारहवीं की परीक्षा होने के बाद आगे के पढ़ाई के लिए दीदी मुंबई चली गई.
वो सिर्फ दिवाली में ही घर आती थी.

तो अब ज्यादा समय ना लेते मैं अपनी सेक्स क्रेजी बॉय चुदाई कहानी पर आता हूं.

यह कहानी 2020 की है जब मैं 19 साल का था.
मेरी बारहवीं बोर्ड परीक्षा हो गई थी और मेरी छुट्टी चालू हो गई थी.

अब मैं दिन रात मोबाइल पर गंदे वीडियो देखता था.
मुझे पॉर्न वीडियो देखने की आदत लग गई थी.

मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं थी इसीलिए मैं मोबाइल पे देख कर ही काम चला लेता था.

ऐसे ही एक दिन पोर्न देखते समय मुझे भाई बहन का वीडियो दिखा.

मैंने वो वीडियो देखा तो मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि कभी भाई बहन भी आपस में सेक्स करने के बारे में सोच सकते हैं.

वो वीडियो मैंने पूरा देखा.

उस वीडियो में लड़की पहले तो अपने भाई को सेक्स के लिए मना करती है.
पर बाद में अपने भाई से खुशी से सेक्स कर लेती है.

वो वीडियो मुझे बहुत पसंद आया.
अब मैं भाई बहन के ही वीडियो देखने लगा.

पर फिर भी मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि भाई बहन कभी आपस में सेक्स कर सकते हैं.

इसलिए मैं पारिवारिक व्यभिचार के बारे में गूगल पे ढूंढने लगा.
तो मुझे ऐसे बहुत किस्से मिले जिसमें सगे भाई बहन ने आपस में संबंध बना चुके थे.

एक दिन ढूंढते ढूंढते मुझे भाई बहन के सेक्स कहानियां मिली.
मैंने वो सारी कहानियां पढ़ी।

अब मेरी भी नीयत अपने बहन के लिए खराब होने लगी.
मुझे भी दीदी के साथ सेक्स करने का मन करने लगा.

लेकिन वो पढ़ाई के लिए मुंबई होती थी और सिर्फ दिवाली में ही घर आती थी.

इसीलिए दिवाली का इंतजार करने के सिवा मेरे पास कोई चारा नहीं था.

अब दीदी की फोटो देख कर ही मैं अपना काम चला लेता था.

उस वक्त देश में कोरोना वायरस फैल रहा था.

तब दीदी के कॉलेज में दो विद्यार्थियों को कोरोना हो गया था.
इसलिए कॉलेज को दो हफ्तों के लिए छुट्टी दे दी गई थी.

दो हफ्ते के लिये कॉलेज की मेस भी बंद थी.
इसलिए दीदी दो हफ्तों के लिए घर आने वाली थी.

यह बात जानकर तो मैं बहुत खुश हो गया.
मुझे लगा कि अब किस्मत भी यही चाहती है कि हम भाई बहन जल्दी से एक हो जाएं.

अगले ही दिन दीदी घर आ गई.

दीदी जब घर आई तब उसने सलवार कमीज पहनी हुई थी.
उनके बड़े बड़े बूब्स कमीज से बाहर आने के लिए तड़प रहे थे.

दीदी गांड देखकर तो वहां पर ही उसके गांड में लंड डालने का मन करने लगा.

पहले भी दीदी घर में सलवार कमीज ही पहनती थी.

लेकिन पहले उसे एक भाई देखता था. पर अब एक बहनचोद देख रहा था.

दीदी घर के अंदर आने के बाद मम्मी दीदी से बोली: साक्षी बेटी, तुम आज से दादी के कमरे में दादी के साथ सो जाना!

शायद मम्मी को लग रहा था कि हम दोनों भाई बहन बड़े हो गए हैं तो हमें साथ में नहीं सोना चाहिए.

पर तब दीदी बोली- नहीं मां, दादी सोते समय बहुत खर्राटे लेती है. मैं राहुल के साथ मेरे कमरे में ही सो जाती हूं.

यह सुनकर तो मैं बहुत खुश हो गया.
मम्मी कुछ नहीं बोल पाई.

अब मैं बस रात होने का इंतजार कर रहा था.

रात होने के बाद हम सब खाना खाने के लिए बैठे.
खाना खाने के बाद दीदी आज बहुत थक गई थी इसलिए वो सोने के लिए चली गई.

जब दीदी कमरे में जा रही थी तब दीदी की हिलती हुई गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया.

थोड़ी देर बाद मैं भी कमरे में चला गया.

तब दीदी शायद सो गई थी‌.
उसकी पीठ मेरी तरफ थी.
वो सो गई है या नहीं यह जानने के लिए मैंने दीदी को पुकारा.

पर दीदी कुछ बोली नहीं.
इसलिए मुझे लगा कि दीदी सो गई है.

मैं दीदी के पास चला गया.
दीदी की गांड मेरे तरफ थी.

मैंने दीदी के गांड पर हाथ लगाया तो यह सा लगा मानो मैं स्वर्ग में हूं.

अपनी सगी बहन के गांड से ज्यादा दुनिया में और कोई चीज कोमल नहीं होती, ऐसा मुझे लगने लगा.

मैं दीदी की गांड दबाने लगा.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

तब अचानक से दीदी की नींद उड़ गई.
अब मैं बहुत डर गया।

दीदी तब थोड़ी नींद में थी- क्या कर रहे हो राहुल?
मैं- कुछ नहीं दीदी, बस देख रहा था कि ‌‌आप सो गई हैं या नहीं.

दीदी: नींद आ गई थी … पर अब तुम ने मुझे नींद से जगा दिया.
मैं- सॉरी दीदी, अब तुम सो जाओ.

दीदी फिर से सो गई.

अब दीदी को शक ना हो इसीलिए मैं भी सो गया.

अगले दिन सुबह जब मैं उठा तो मेरा लंड चड्डी में खड़ा हो गया था.

दीदी सामने ही कुर्सी पे पढ़ाई कर रही थी.
शायद दीदी ने मेरा खड़ा हुआ लंड देख लिया था.

मैं जग गया हूं … यह देखकर दीदी बोली- कल रात तुम क्या कर रहे थे?

तभी मैं समझ गया दीदी क्या कहना चाहती है पर मैं बोला- कब दीदी?
दीदी- जब मैं सो रही थी.

मैं- कुछ नहीं दीदी. मैं बस देख रहा था आप सो गई है या नहीं!

यह कहकर मैं कमरे से बाहर आ गया.
मैं समझ गया कि दीदी को मुझ पर शक हो गया है. इसलिए दो तीन दिन तक में शांत रहा.

तब देश में कोरोना वायरस बढ़ रहा था.
इसलिए देश में लॉकडाउन घोषित कर डाला.

अब लॉकडाउन खत्म होने तक दीदी घर में ही थी.

इसलिए दीदी को पटाने के लिए मेरे पास बहुत समय था.

एक दिन मुझसे रहा नहीं गया इसलिए मैं भाई बहन के सेक्स कहानियां पढ़ने लगा.
अब मेरा लंड खड़ा हो गया।

दीदी के साथ सेक्स करने के लिए अब रहा नहीं जा रहा था.

इसलिए दीदी को पटाने के लिए मैं खड़ा हुआ लंड लेकर अपने कमरे में चला गया.

दीदी तब पढ़ाई कर रही थी.
मैं उसके सामने जाके बेड पर लेट गया.

दीदी ने मेरे चड्डी में खड़ा हुआ तंबू देख लिया था.

मेरा लंड देखने के बाद वो गुस्से से कमरे के बाहर चली गई.

जब तक मैं कमरे में था, तब दीदी कमरे में आ नहीं रही थी.

इसीलिए दीदी को देखने के लिए मैं बाहर चला गया.
तब दीदी फिर से कमरे में आ गई और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया.

मैं समझ गया कि दीदी मुझसे बहुत नाराज है.
पर मुझ पर सेक्स की हवस चढ़ गई थी।

रात होने के बाद हम खाना खाने के लिए बैठे.

मेरी नजर तब दीदी के बड़े बड़े बूब्स पर ही थी.
दीदी समझ गई थी कि मेरी नजर उसके बूब्स पर है.

मैं जानता था कि दीदी यह सी बात मम्मी पापा को बता नहीं सकती इसीलिए मेरी हिम्मत बढ़ गई थी.

खाना खाने के बाद हम बातें करने लगे।
तब जब जब दीदी हंसती तब तब दीदी के बूब्स उछलने लगते.
दीदी की क्लीवेज तब साफ साफ दिख रही थी.

तब दीदी की नजर मुझ पे पड़ी.
दीदी को पता चला कि मैं उसके बूब्स देख रहा हूं.

तब दीदी ने अपनी कमीज थोड़ी ऊपर कर दी.
वो समझ गई थी कि मेरा भाई अब बहनचोद बन गया है.

नींद आ रही है, यह कहकर दीदी सोने के लिए चली गई.

थोड़ी देर बाद मैं भी कमरे में चला गया.

तब दीदी पीठ के बल सोयी हुई थी।
उस वक्त दीदी के बूब्स बहुत बड़े लग रहे थे.

मैं दीदी के पास चला गया।

दीदी का मदमस्त बदन देख मेरा लंड खड़ा होकर दर्द करने लगा.
इसलिए मैंने चड्डी उतार कर लंड को बाहर निकाल कर लंड को आजाद कर दिया.

अब जो होगा देखा जायेगा यह सोचकर मैं दीदी की सलवार उतारने लगा.

पर डर के कारण मेरा हाथ कांपने लगा.
थोड़ी देर बाद क्या होगा मुझे मालूम नहीं था.

पर दीदी मानी तो उसे घोड़ी बनाऊंगा.
नहीं तो उसकी माफी मांग लूंगा.
यह सोचकर दीदी की सलवार मैंने उतार दी.

दीदी ने नीले रंग की पैंटी पहनी हुई थी.
वो भी मैंने धीरे से निकल दी.

अब पहली बार मैं किसी की चूत देख रहा था … वो भी अपनी सगी बहन की.

मैंने दीदी के दोनों पैर फैलाए और चूत को चाटने लगा.

मुझे बहुत मजा आ रहा था।

तब अचानक से दीदी की नींद खुल गई.
दीदी को पता चल गया कि मैं उसके साथ क्या कर रहा था.

उसने मुझे जोर से धक्का दिया और वो पीछे हट गई.

फिर दीदी मेरे पास आ गई और मुझे जोर से थप्पड़ लगाया.

मुझे अब डर लगने लगा कि दीदी जाके मम्मी पापा को सब बता ना दें.
पर तब दीदी की नजर मेरे लंड पर पड़ी.

मेरा लंड अभी भी खड़ा था.
शायद पहली बार दीदी किसी का लंड देख रही थी.

फिर दीदी मेरी आंखों में देखने लगी।
शायद मेरा लंड देखने के बाद उसे भी रहा नहीं गया.

दीदी मेरे पास गई और मेरे होंठों पे अपने होंठ रख दिए.

लेकिन वो जल्दी ही पीछे हट गई.
वो भी डर रही थी.

अब मैं ही दीदी के पास चला गया और उसे किस करने लगा.
अब दीदी भी मेरा साथ देने लगी.

मैं दीदी के शरीर को चूमने लगा।
मैंने दीदी की कमीज और ब्रा उतार दी.

अब दीदी मेरे सामने पूरी नंगी हो गई थी.
दीदी को देखकर मेरा लंड 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हो गया था.

दीदी के 34″ के बूब्स देखकर मैं उसे चूसने लगा.
दीदी तब ‘अ उउउअ आ’ ऐसी आवाज निकालने लगी.

दस मिनट बूब्स चूसने के बाद दीदी बोली- बस कर बहनचोद. अब और कितना चूसेगा? मसल मसल के पूरे लाल कर दिये.

अब मैंने अपनी टी-शर्ट उतारी.
अब मैं भी पूरा नंगा हो गया था.

मैं बेड पर लेट गया.
दीदी ने मेरा लंड मुंह के अंदर लिया।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

दीदी एक पॉर्नस्टार की तरह अपनी थूक मेरे लंड पे लगा कर लंड अपने मुंह में ले रही थी.

दस मिनट तक यह खेल चल रहा था.

दीदी- मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं कभी अपने भाई का लंड अपने मुंह में लूंगी.

फिर मैं दीदी की चूत चाटने लगा.
दीदी की चूत की खुशबू सूँघ के मैं मदहोश हो गया.

दीदी ने अपना माल मेरे मुंह के अंदर ही गिरा दिया.
दीदी की चूत के नमकीन रस का स्वाद चखके मुझे बहुत मजा आ गया.

अब मैं दीदी के चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा.
और यह करते करते मैंने अपना लंड दीदी के चूत के अंदर डाला.

तब दीदी ज़ोर से चिल्लाई.

मैंने अब दीदी को चोदना चालू कर दिया था.

दीदी: आ आआह आआ … आ राहुल … बहुत दर्द हो रहा है. निकालो अपने लंड को! आआ आउउ उउम ओ शिट.

मेरी प्यारी दीदी को बहुत दर्द हो रहा था.

दीदी की चिल्लाने की आवाज सुनके मुझे मेरे लंड पर गर्व होने लगा.

मैं दीदी की बात ना सुनते हुए उसे जोर जोर से चोद रहा था।

बीस मिनट बाद मैंने दीदी के चूत के अंदर अपना माल गिरा दिया.

दीदी- बहनचोद साले, बहन हूं तेरी! कोई रंडी नहीं की पटक पटक के चोद रहा है. तू सेक्स क्रेजी बॉय है.

राहुल- सॉरी दीदी, पर अभी तो खेल शुरू हुआ है.

यह कहकर मैंने दीदी को घोड़ी बनाया और उसके गांड पर थूक लगाके अपना लंड दीदी के गांड के अंदर डाला.
अब मैं दीदी को पीछे से जोर जोर से धक्के देने लगा.

दीदी- आआ आह ह आआ आ राहुल बहन…चो..द … आह आओह आआ उउच!

फिर मैं बेड पर लेट गया और दीदी मेरे लंड पे बैठ गई.
मैं उसे नीचे से धक्के देने लगा.

दीदी को बहुत दर्द हो रहा था.
मेरा लंड दीदी को सहन नहीं हो रहा था.

दीदी की आंखों से पानी निकलने लगा.
वो तो मेरे लंड को सहन कर रही थी.

दर्द के मारे दीदी इतने जोर से चिल्ला रही थी कि मुझे डर लगने लगा कि मम्मी पापा उठ ना जायें.

इसलिए मैंने दीदी की पैंटी दीदी के मुंह में डाली और चोदने लगा.

उस रात मैंने दीदी के साथ देढ़ घंटे तक सेक्स किया था।
मैंने तीन बार अपना माल दीदी के अंदर निकाल दिया था.

दीदी के चूत से खून आ रहा था.
मैंने दीदी की बुर की सील तोड़ दी थी.
दीदी और मैं नंगे ही सो गए.

दूसरे दिन दीदी से चला ही नहीं जा रहा था.

मैं- सॉरी दीदी, मेरी वजह से आपकी यह हालत हो गई.

तब दीदी मेरे लंड पे हाथ रख कर बोली- मैं रोज चाहती हूं कि तेरे वजह से मेरी यह हालत हो. दर्द होता है पर यह दुनिया के सबसे हसीन दर्द है.

राहुल: तो चलो फिर से सेक्स करते हैं.

दीदी- अभी नहीं. मम्मी पापा को हमारी आवाज सुनाई दे सकती है. हम रात में अपना खेल शुरू करेंगे. और मेरी चूत भी अभी सूजी हुई है.

यह सुनकर मैं थोड़ा नाराज़ हो गया.
पर तब दीदी मुस्कुराई और कमरे का दरवाजा बंद कर दिया.

दीदी ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और कहा- तेरा लंड चूत में तो नहीं ले पाऊंगी पर तेरे लिए मुंह में जरूर ले सकती हूं.

हम 69 पोजीशन में सेक्स कर रहे थे.
वो मेरा लंड चूस रही थी तो मैं दीदी कि चूत चाट रहा था.

दीदी- तेरा लंड तो बहुत बड़ा है. जिसने सौ लंड लिए है वो औरत भी तेरा लंड सह नहीं पाएगी.

तब दीदी के मुंह से यह तारीफ सुन के मुझे अपने लंड पर और गर्व होने लगा.

दीदी की चूत चाटते वक्त दीदी को बहुत दर्द हो रहा था।
पर फिर भी मेरे लिए वो सब सह रही थी.

दीदी का यह प्यार देखकर मेरे लंड में आंसू आ गए और मैंने अपना सारा वीर्य दीदी के मुंह में डाल दिया.
दीदी ने भी उसका पूरा माल मेरे मुंह के अंदर डाल दिया.

तब दीदी कपड़े पहनने लगी.

तो मैंने उसे घुटनों के बल बिठाया और मेरा लंड दीदी के अंदर डाल दिया.
और मैंने दीदी के मुंह के अंदर ही सू सू कर डाली.

दीदी ने भी पूरी शूशू पी डाली.

दीदी- अब तुम्हें जब भी सू सू लगे, तुम मेरे ही मुंह में पेशाब करना.

अब लॉकडाउन खत्म होने तक मैं हर रात दीदी के मजे ले रहा था और वो भी मेरे लंड के मजे ले रही थी.

बाद में लॉकडाउन खत्म हो गया और दीदी फिर से मुंबई चली गई.

अब दीदी की चूत के बिना मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मुझे सेक्स की आदत जो लग गई थी.

दीदी घर पे नहीं थी इसलिए मेरी नजर अब मेरी मम्मी पर पड़ी.
अब मैंने अपने मां के साथ सेक्स कैसे किया यह मैं आपको अगली कहानी में बताऊंगा.

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तो मुझे मेल करके बताएं.
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