मेरा दोस्त तो गांडू निकला - Antarvasna Story

गे बॉय गांड Xxx कहानी में मेरे पड़ोस में एक लड़का मेरा दोस्त था. था उसने मुझे मुठ मारते देखा. तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया. फिर बाद में मैंने उसकी गान्ड मारी.

मित्रो, आज एक लम्बे अंतराल के बाद आप सबसे पुनः संवाद कर रहा हूँ.

मेरा नाम रिंकू है, मैं जयपुर शहर से हूँ.


आज मैं आपको अपने जीवन में घटी एक अजीब सी कहानी को सेक्स कहानी के रूप में लिख कर बताने जा रहा हूँ.

इस गे बॉय गांड Xxx कहानी में गोपनीयता के चलते मैंने सभी नाम बदल दिए हैं.

मेरी हाईट छह फुट है और मेरे लंड का साइज छह इंच है.
लंबा होने के साथ साथ मेरा लंड ढाई इंच मोटा भी है जो किसी भी चूत को संतुष्ट करने में सक्षम है.

मैं एक बाइसेक्सुअल युवक हूँ मतलब मुझे लड़की और लड़के दोनों के साथ सेक्स करना पसंद है.

जितनी अच्छी चुदाई मैं लड़कियों की करता हूँ, उतनी ही अच्छी लड़कों की गांड भी मारता हूँ.
मैंने आज तक कई लड़के और लड़कियों को चोदा है.

इस सेक्स कहानी के दूसरे पात्र का नाम रोनी है.
रोनी हमारे पड़ोस में रहता है.
वह एक दुबला-पतला सा और चिकना लड़का है.

मैं उसे बचपन से जानता था और हम साथ खेलते हुए बड़े हुए हैं.
लेकिन मुझे नहीं पता था कि जिसके साथ मैंने बचपन बिताया है, एक दिन मैं उसकी गांड मारूंगा.

एक दिन मेरे परिवार वाले अचानक से किसी काम से नानी के यहां चले गए.
मम्मी ने मुझसे कहा- हम सब दो दिन के बाद वापस आएंगे.

मैंने उनसे कहा- आप चिंता ना करना, मैं सब संभाल लूंगा. आप लोग बेफिक्र होकर जाइए.
वे सब लोग चले गए.

मैं उनके जाने के बाद नीचे गया और बाहर से एक सिगरेट की डिब्बी खरीद कर ले आया और उसके बाद घर के सब दरवाजे बंद करके अपने कमरे में आ गया.
मैंने एक सिगरेट सुलगाई और बेड पर लेट कर अपना फोन चलाने लगा.

फिर मैंने अन्तर्वासना वाली साइट पर कहानी पढ़ना शुरू किया.
मैं यहां पिछले कई साल से कहानी पढ़ रहा हूँ और सेक्स कहानी पढ़ना मुझे फ्री सेक्स कहानी साईट पर पोर्न वीडियोज देखने से ज्यादा अच्छी लगती हैं.

मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मैं हल्के हल्के हाथ से अपना लंड सहला रहा था.
कमरे का दरवाजा मैंने बंद नहीं किया था.

मेरी इसी गलती का खामियाजा कहें या कहें कि मजा मुझे बाद में मिला था.

मैं आंख बंद करके लंड सहला रहा था, तभी मेरा वह दोस्त रोनी आ गया.
उसके आने का मुझे अहसास तक नहीं हुआ; मैं तो अपनी मस्ती में मस्त था.

चूंकि हमारे घर की और उसके घर की छत आपस में जुड़ी हुई हैं तो वह छत से कूद कर आया था.
उसको मुझसे कुछ काम था.

उसने मेरे घर में आकर मेरे कमरे का दरवाजा बजाया, पर मैं तो अपनी मस्ती में मस्त था.

उसने मुझे लंड सहलाते देख लिया और उसके बाद उसने मेरी एक फोटो खींच ली, उसके बाद वह चला गया.
ये सब उसने मुझे बाद में बताया.

अगले दिन भी मैं घर पर अकेला था और अपने कार्यक्रम में लगा हुआ था.
तभी वह अचानक से आ गया, जिससे मैं हड़बड़ा कर खड़ा हो गया.
वह चुपचाप कमरे में आकर मेरे पास बैठ गया और मुझे देखने लगा.

मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
तो उसने कहा कि तुम अभी क्या कर रहे थे?

उसके इस सवाल पर मैंने सोचा- यह तो मेरा दोस्त ही है, किसी को क्या बताएगा.
तो मैंने उससे कहा कि मैं मुठ मार रहा था, क्यों क्या हुआ कुछ काम था क्या तुम्हें?

उसने कहा- तुम मुठ क्यों मार रहे हो यार … तुम्हारी तो गर्लफ्रेंड है ना!
मैंने उससे कहा- अबे मेरा उससे ब्रेकअप हो गया है … और अब मैं अकेला हूँ इसलिए मुठ मार रहा हूँ. आजकल घर पर भी कोई नहीं है तो बिंदास लंड हिलाने का मजा भी आ रहा है.

तब उसने कहा- यार, तुम्हारा औजार तो बहुत बड़ा है.
मैंने उससे कहा कि तूने कब देखा? मैंने तो तेरे अन्दर आने से पहले ही कपड़े से खुद को ढक लिया था!

तब उसने जो कहा, वह सुन कर मैं चौंक गया.
उसने कहा कि मैं कल भी आया था … मुझे कुछ काम था. मैंने दरवाजा बहुत बार बजाया पर तुमने वह नहीं खोला! तब मैं छत से कूद कर आया और तभी मैंने तुम्हें मुठ मारते हुए देखा था.

फिर उसने मुझे अपने फोन में मेरी मुठ मारती हुई फोटो दिखाई, जिसमें मैं अपना लंड पकड़े हुए था.
फिर उसने कहा- तुम चिंता ना करो. मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगा, पर तुम्हें मेरा एक काम करना होगा!

मैंने उससे पूछा- क्या काम करना है?
तब उसने बिना कुछ कहे ही खुद के हाथ को मेरे लंड पर रख दिया.
ये देख कर मैं एकदम से पीछे हट गया और उसे देखने लगा.

वह मेरे पास आया और उसने दुबारा से अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया.
मैं उसे देख रहा था और वह मेरे लंड को सहला रहा था.

धीरे धीरे मेरे लंड में हरकत होना शुरू हो गई.
पर फिर भी मैं उसे ही देख रहा था.

फिर वह धीरे से नीचे झुका और मेरा लंड मेरी पैंट से निकाल कर सहलाने लगा.
मेरी आंखें बंद हो गईं और मुझे मस्ती चढ़ने लगी.

उसी पल उसने एकदम से मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया जिससे मुझे एक जोरदार करंट सा लगा और मेरे मुँह से आह निकल गई.

मेरा हाथ अपने आप ही उसके सिर पर चला गया और उसको नीचे दबाने लगा.
वह और तेज तेज मेरा लंड चूसने लगा.
मेरी हालत खराब होने लगी.

कुछ ही देर में मेरा बस होने वाला था तो मैंने उसे हटाना चाहा … पर वह नहीं हटा और मैं उसके मुँह में ही झड़ गया.
लंड झड़ने के साथ साथ ही वह मेरा सारा माल पीता चला गया.

फिर उसने मेरे लंड को चाट कर साफ कर दिया.

मैंने उसे देखा और उससे पूछा- यह क्या था?
तो उसने कहा- कल से जब से तुम्हारा लंड देखा है, तभी से उसे छूने की और चूसने की इच्छा थी इसी लिए मैं खुद को रोक नहीं पाया.

उसके इतना कहते ही मैंने उसे बेड पर धक्का मारा और उस पर चढ़ गया.
मैं उसको किस करने लगा.
वह भी मेरा पूरा साथ दे रहा था.

हमारी जीभें आपस में लड़ रही थीं और धीरे धीरे मैंने उसके कपड़े उतारना शुरू कर दिए.

फिर मैंने उसकी गर्दन पर किस किया और होंठों को चाटा, जिससे उसके मुँह से ‘उफ आह आउच इश आह और तेज करो …’ निकल रहा था.
वह मेरी पूरी कमर पर हाथ फेर रहा था.

ऐसे ही धीरे धीरे करते मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए.

फिर वह मेरे सामने सिर्फ अंडरवियर में रह गया था, जो मैंने एक झटके में उतार दी और वह पूरा नंगा हो गया.
उसका लंड छोटा सा था.

मैंने उसे सहलाया और चूसने लगा.
इससे वह ‘इश ओह आह यस … और तेज आह आह यस उह बस!’ करने लगा.

फिर वह एकदम से मुझे नीचे गिरा कर मेरे ऊपर आ गया और मुझे जगह जगह चूमने चाटने लगा.

कुछ देर बाद वह नीचे गया और मेरा लंड चूसने लगा.
थोड़ी ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

अब मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसकी गांड देखने लगा.
उसकी गांड बिल्कुल चिकनी थी साले की, मेरे मुँह में पानी आ गया और मैं उसकी गांड चाटने लगा.

उसके मुँह से उह आह आह ओह माई गोड आह यस और तेज …’ यही सब निकल रहा था.
मैं उसकी गांड चाटे जा रहा था.

फिर मैंने क्रीम की डिब्बी उठाई और उसकी गांड में उंगली से क्रीम भर दी.
अपनी गांड में मेरी उंगली चलने से उसके मुँह से ‘इश आह.’ निकल गया.

मैं जल्दी जल्दी उसकी गांड में उंगली कर रहा था और वह ‘आह और तेज तेज करो’ की आवाज करने लगा.

फिर मैंने अपने लंड पर भी बहुत सारी क्रीम लगाई, जिससे मेरा टोपा फूल कर लाल हो गया था और पहले से ओर मोटा हो गया था.

मैंने उसकी गांड के छेद पर अपना लंड रखा और एक धक्का दे मारा.
मेरे लंड का टोपा छेद के अन्दर चला गया और उसके मुँह से जोरदार चीख निकल गई.

मैंने झट से उसका मुँह बंद कर दिया तो उसकी आंख से आंसू निकलने लगे.

तब मैंने उससे पूछा- बाहर निकालूँ क्या?
तब उसने कहा- नहीं.

मैं शांत होकर उसके दर्द को कम होता देखने लगा.
कुछ पल बाद उसने कहा- बस थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहो!

मैं वैसे ही उस पर चढ़ा रहा.

थोड़ी देर बाद उसकी गांड में हरकत होना शुरू हो गई.
तब मैंने भी धीरे धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिए.

जब मुझे लगा कि अब ये तैयार है, तब मैंने एक जोरदार धक्का देकर पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया.

उसके मुँह से चीख निकले, उससे पहले ही मैंने उसके मुँह में एक कपड़ा ठूंस दिया.

फिर मैं उसे लगातार चोदे जा रहा था.

उसकी गांड में मेरा लंड पूरी स्पीड से ऐसे चल रहा था, जैसे किसी ने मशीन चालू कर दी हो.
मैं उसे पूरी ताकत से चोद रहा था.

वह बस पड़े पड़े ‘आह आह … ओह आह ओह माय गॉड … उफ यस इश उह ओह … और तेज हां हां!’ कर रहा था.

मैं पूरी मस्ती से उसे चोदे जा रहा था.
मेरा पूरा बेड जोर जोर से हिल रहा था.

फिर मैंने उसे अपने ऊपर ले लिया और उसको गांड में लंड लेकर बैठने को बोला.

वह जैसे ही लंड पर बैठने को हुआ, मैंने एक जोरदार झटका दे दिया जिससे लंड एक बार में ही उसकी गांड में चला गया.
इस वजह से उसके मुँह एक बार फिर से आवाज निकली, पर इस बार वह उससे झेल गया और उछल उछल कर अपनी गांड में लंड लेने लगा.

मैं अब उसकी कमर पकड़ कर उसे चोद रहा था.
उसे चोदते चोदते मुझे पंद्रह मिनट हो गए थे, पर मेरा लंड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था.

ऐसे करते करते मुझे आधा घंटा हो गया.
पर मेरे लंड में एक अलग ही जान थी … आज लंड रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था.
पर मेरा दोस्त थक गया था, तो वह मुझसे कहने लगा कि यार मैं थक गया हूँ … मैं नीचे आ जाऊं?

मैंने उसे नीचे उतार दिया.
खुद उसके ऊपर आकर मैंने एक झटके में लंड गांड में डाल दिया और उसे चोदने लगा.

वह आह आह करने लगा.

फिर उसके पांच मिनट के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया. आज जितना ज्यादा मेरा वीर्य निकला था, शायद ही इससे पहले कभी निकला हो.

मेरे साथ साथ उसका भी रस झड़ गया और मैं उसके ऊपर निढाल हो गया.

फिर मैं एक तरफ लेट गया और उसे देखने लगा कि ये मेरा वही दोस्त है, जिसके साथ मैं बचपन में खेलता था.
मैंने एक सिगरेट सुलगाई और उससे पूछा- ये सब क्या था? तुम ऐसे कब से?

तब उसने कहा कि वह मुझे बचपन से पसंद करता आया है, पर जब उस दिन उसने मेरा लंड देखा … तब उससे रहा नहीं गया.
यह सुनकर मैं उसे दुबारा किस करने लगा और उसके ऊपर चढ़ गया.

फिर मैं और वह 69 की पोजिशन में आ गए और एक दूसरे का लंड चूसने लगे.
मैं उसके ऊपर था तो मैंने अपना पूरा लंड उसके मुँह में ठूंस दिया.
जिस वजह से वह गों गों करने लगा; उसे खांसी आने लगी और उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे.

तब मैंने उसके मुँह से लंड बाहर निकाला. फिर उसने एक लंबी सांस ली.

फिर मैंने अपनी दूसरी पैंट में से एक कंडोम निकाला.
यह एक्स्ट्रा डॉटेड वाला था.

मैंने उससे कहा- मेरे लंड को चूस और इसे कड़क कर!

वह वैसा ही करता गया, जैसा मैं उससे कह रहा था.
मैं उससे कह रहा था कि और तेज चूस … आह मजा आ गया!

वह भी वैसे ही लंड चूसता जा रहा था.

कुछ देर बाद मैंने उसे हटाया और उसको घोड़ी बना दिया.

अब मैंने लौड़े पर कंडोम चढ़ाया और उसकी गांड के छेद पर रख कर उसको टाइटली पकड़ लिया.

वह भी गांड में लंड लेने के लिए रेडी हो गया था.

तभी मैंने एक जोरदार झटका मारा, जिससे मेरा लंड एकदम से उसकी गांड में घुसता चला गया.
इस झटके से उसकी हालत खराब हो गई थी और वह मुझसे खुद को छुड़ा कर भागना चाह रहा था.

पर मेरी पकड़ मजबूत थी इसलिए वह जा नहीं पाया.

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उसकी गांड में डॉटेड कंडोम की वजह से उसे जलन हो रही और उसकी आंख से आंसू आ रहे थे.
वह लगातार कराह रहा था और खुद को छोड़ देने के लिए कह रहा था.

उसकी स्थिति उस वक्त किसी मेमने के जैसी थी, जिसकी गर्दन कसाई के गंडासे के नीचे जिबह हो रही थी.
फिर यह देख कर मैं थोड़ी देर के लिए रुक गया और उसके निप्पल दबाने लगा.

साथ ही कभी कभी मैं हाथ को नीचे ले जाकर उसका लंड सहलाने लगता.
फिर जब मुझे लगा कि वह अब नॉर्मल हो गया है तो मैं धीरे धीरे धक्के देने लगा.

जब उसकी गांड मेरे लंड के लिए सही से ढीली हो गई, तब मैं उसे तेज तेज चोदने लगा और डॉट्स वाले कंडोम की वजह से उसकी हालत खराब होती जा रही थी.
मगर मैं तो अपनी मस्ती में चूर था.

मैं उसे लगातार चोद रहा था.
वह बस मेरे लंड में अपनी गांड फँसाए हुए मीठी कराहें भर रहा था ‘आह ओह और तेज होअ हां उफ.’

वह यही सब कर रहा था क्योंकि अब वह थक गया था.
फिर 20 मिनट के बाद मैंने भी कुछ झटके जोरदार तरीके से मारे और मैं उसकी गांड में ही झड़ गया.

मेरा सारा वीर्य कंडोम में भर गया.

उसके बाद मैंने कंडोम से लंड बाहर निकाला और लंड उसके मुँह के पास ले गया.
उसने धीरे से मुँह खोला और मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया, जिसको उसने चाट चाट कर अच्छे से साफ कर दिया.

कुछ देर के बाद हम दोनों सो गए.

फिर शाम को 6 बजे के बाद हम दोनों की नींद खुली.
तो मैंने उसके लिए चाय बनाई और उसे कुछ खाने को दिया.

बाद में मैंने उसे एक पेन किलर दवा की हैवी डोज दे दी ताकि उसका दर्द जल्दी से सही हो जाए.

मैंने उस गे बॉय की Xxx गांड का छेद देखा, तो वह काफी बड़ा हो गया था.
ये देख कर मुझे हंसी आ गई.

रोनी ने कहा- आज जाकर मेरा सपना पूरा हुआ. आज से मैं तेरी रण्डी, तुझे जब चाहे, जहां चाहे … बस मुझे कह देना … मैं कहीं भी चुदवा लूंगा.
मैंने उसे एक लंबा किस किया और उसके बाद हम दोनों बाहर आ गए.

उसके बाद मेरे पापा का मेरे पास कॉल आया कि वे सब एक हफ्ते के बाद आएंगे.
मैंने उन्हें ‘ठीक है.’ कहा और फोन रख दिया.

उसके बाद मैंने उसे एक राउंड और चोदा और सिगरेट सुलगा कर धुआं उड़ाने लगा.
मैंने उससे पूछा- तू पिएगा!

तो उसने हां में सिर हिलाया.
मैंने उसको भी एक सिगरेट दे दी और वह भी मस्ती से पीने लगा.

फिर मैंने शाम को उसके घर पर बात की कि मैं अकेला हूँ, घर पर मम्मी पापा नहीं हैं. वे सब एक हफ्ते के बाद आएंगे, तो क्या मैं रोनी को साथ रख सकता हूँ.
उसके घर वालों ने हां कह दिया और उस पूरे हफ्ते मैंने उसे खूब चोदा.

मैं अपनी इस सच्ची गे सेक्स कहानी को यहीं विराम देना चाहूंगा.
गे बॉय गांड Xxx कहानी पर मुझे आपके मेल व कमेंट्स का इंतजार रहेगा.
thedesikahani@gmail.com

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